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Kankane Ayurveda

KANKANE'S Sudarshan Kalpa and Oil Combo, Useful For Rheumatoid, Swelling of joints Pain

KANKANE'S Sudarshan Kalpa and Oil Combo, Useful For Rheumatoid, Swelling of joints Pain

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  • 100% Ayurvedic
  • 150+ Years Experience
  • COD Available
  • ISO & GMP Certified
  • MFD & MKT By : G.D. & SONS.
  • Product Size : 200(kalp)/100(oil) ml.
  • Product Price : 208/205
  • Product Form : Liquid and Oil

Indication: Beneficial in Rheumatic Diseases like Rheumatism, Gouty, Rheumatic Arthritis, Inflammation (Swelling of the Joints) Osteoporosis, Lo in Back Pain, Muscle Pain Sciatica, Neuralgia, etc.

Benefits- Beneficial in Rheumatic Diseases like Rheumatism, Gouty, Rheumatic Arthritis, Inflammation (Swelling of the Joints) Osteoporosis, Lo in Back Pain, Muscle Pain Sciatica, Neuralgia etc.   

Dosage:  2 - 3 teaspoonfuls (10-15 ml) with warm water two or three times a day or as directed by the physician. 

Manufacturing: 100% Herbal Aushadhi and made in india.

Ingredients-  Sambhalu (Vitex Negundo), Punarnava (Boerhavia Diffusa), Ashwagandha (Withania Somnifera), Guggul (Commiphora Wightii), Yawani (Trachyspermum Ammi), Haldi (Curcuma Longa), Kuth (Saussurea Costus), Sonth (Zingiber Officinale), Kaifar (Myrica Esculenta), Lahsun (Allium Sativum), Vaitumburu (Zanthoxylum Alatum), Rasna (Pluchea), Vaividang (Embelia Ribes), Makouth (Solanum Nigrum), Dashmool, Bach (Acorus Calamus), Maithy (Trigonella Foenum Graecum), Nisot (Operculina Turpethum), Endrainfal (Citrullus Colocynthis), Suvarchika, Fitkari, Satlobhan (Sumatra Benzoin), Syrup Base.  

Shelf Life- 3 years liq. and 2 years powder.


उपयोग : गठिया, आम-वात, संधि-वात जोड़ों की सूजन, अस्थिगत वात-व्याधि,कमर-पीठ का दर्द, मांस पेशियों का दर्द एवं खिचांव, नसों का दर्द आदि वात रोगों में लाभकारी 

विवरण : उम्र के साथ-साथ हड्डियों तथा हड्डियों को जोड़ने वाले हिस्से की लचीली हड्डियों के घिस जाने से-पतली हो जाने से हड्डी-मज्जा बाहर आकर सख्त होने लंगता है। जिससे हड्डी बढ़ने से लेकर नया रूप लेने लगती है, जिससे जोड़ों पर सूजन तथा तेज दर्द होने लगता है। यूरिक एसिड भी बढ़ने लगता है। इस प्रकार वात रोग की उत्पत्ति होती है।

वर्षों के शोध एवं हजारों वात रोगियों पर परीक्षण में पाया 'सुदर्शन कल्प और सुदर्शन तेल”' से गठिया-वात, आम-वात, जोड़ों की सूजन, जोड़ों का दर्द, कमर-पीठ का दर्द, मांसपेशियों का दर्द , खिचाव, साईटिका दर्द में राहत एवं गठिया वात से छुटकारा मिलता है।

सुदर्शन कल्प - दुर्लभ जड़ी बूटियों का लाभदायक मिश्रण है। जिसे कुछ समय तक निरंतर उपयोग करने से हड्डी मज्जा तरल रहता है। हड्डियां मजबूत होती है। तथा जोड़ों की हड्डीयाँ लचीली और मुलायम  हो जाती है। जिससे सूजन एवं दर्द से छुटकारा मिलता है। एवं यूरिक एसिड से भी छुटकारा मिलता है।

मात्रा : २ - ३ चाय चम्मच (१० - १५ ml) गुनगुने जल के साथ दिन में दो या तीन बार अथवा चिकित्सक के परामर्श अनुसार

सामग्री:

  1. सम्भालू (VITEX NEGUNDO): दनास्थापन, वातहर, मूत्रजनन, शोथघ्न, आमवात, वात-व्याधि, शूल-शोथ ।
  1. पुनर्नवा (BOERHAVIA DIFFUSA) : सर्वांगशोथ, उदरशोथ, कामला, मूत्राल्पता, सोजाक, हृदरोग, पाण्डु।
  1. अश्वगंधा (WITHANIA SOMNIFERA): वृष्य एवं शोथहर, मूत्रजनक, बाल्य रसायन, उत्तम पौष्टिक, हड्डियों को मजबूत करता है ।
  1. गुग्गुल (COMMIPHORA WIGHTII) : वातानुलोमक, वातहर, वातनाड़ी पुष्टिकारक, व्रण शोधन, शोथघ्न, वातनाड़ी शूल।
  1. लहसुन (ALLIUM SATIVUM): वातहर, स्वेदजनन, मूत्रल, अस्थि व्रण, नाड़ी व्रण, शोथ हृदरोग।
  1. वायविरंग (EMBELIA RIBES) : वातानुलोमक, वातहर, वातशूल, अस्थिगतवात ।
  1. दशमूल (DASHMOOL): पार्श्वपीड़ा, शोथहर, ज्वर ।
  1. इंद्रायनफल (CITRULLUS COLOCYNTHIS): आमवात, संधिशोथ, कामला, प्लीहोदर।
  1. सुवर्चिका (SUVERCHICA): मूत्र विरेचन, स्वेदन, शोथहर, हृदयावरण शोथ ।

 

 SUDARSHAN OIL:

उपयोग : गठिया, आम-वात, संधि-वात जाड़ों की सूजन, अस्थिगत बात-व्याधि, कमर-पीठ का दर्द, मांस पेशियों का दर्द एवं खिचाव, नसों का दर्द आदि वात रोगों में लाभकारी।

सुदर्शन तेल- दुर्लभ जड़ी बूटियों से निर्मित हैं जो कि मालिश करने से हड्डियों को मजबूत, लचीला एवं मुलायम चिकनाहट युक्त कर वात रोगों के दर्द से राहत दिलाता है।

यह तेल हड्डी मज्जा के बाहर आने से बढ़ी या सख्त हुई हड्डी को लचीलां एवं मुलायम कर वात रोग के दर्द से छुटकारा दिलाता है।

 

उपयोग विधि : दर्द पीड़ित स्थान पर दिन में २ बार २ - ५ ml सुदर्शन तेल का हल्के हाथ से मालिश करे

यह 100% आयुर्वेदिक औषधि है और भारत में निर्मित है

सामग्री: 

  1. हिंगोटा (BALANITES AEGYPTIACA) जीर्ण वात, वात शूल, वातानुलोमक शोथहर ।
  1. इन्द्रायन (CITRULLUS COLOCYNTHIS) वातनाड़ी दोषहर, अस्थि वात, अस्थि शूल।
  1. गंगरन (GREWIA TENAX) वात व्याधि, शोथघ्न।
  1. मालकांगनी (CELASTRUS PANICULATUS) वात रोग, वातानुलोमक, अस्थि शूल, वातनाड़ी शूल ।
  1. मूर्वा (CLEMATIS GOURIANA) वात शोधन, अस्थि शूल, शोथ ।
  1. कुटकी (PICRORHIZA KURROA) वायहर, अस्थिगत, वात शोथ ।
  1. एलुआ (ALOE BARBADENSIS MILLER) अस्थि शूल, अस्थिशोथ, वातहर ।
  1. गुग्गुल (COMMIPHORA WIGHTII) वातानुलोमक, वातहर, व्रण शोधन, शोथघ्न, वातनाड़ी शूल।
  1. सेंधा नमक (SENDHAROCK SALT) मांसपेशी शूल, अस्थि शोथ, अस्थि शूल, वातनाड़ी शोधक, मांसपेशी शोथ ।
  1. लहसुन (ALLIUM SATIVUM) वातहर, अस्थि व्रण, नाड़ी व्रण, शोथ ।
  1. नीम तेल (AZADIRACHTA INDICA½) वातहर, शोथ, मांसपेशी, तनाव शूल ।
  1. सोयाबीज तेल (GLYCINE MAX) SOYABEEN OIL वातानुलोमक, वातहर, शूल शोथध्न ।

 

अच्छे परिणाम के लिए सुदर्शन कल्प एवं सुदर्शन तेल का मालिश करें एवं हल्का व्यायाम नियमित रूप से करें”

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